निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये |
प्रश्न 1 :- रमज़ान ने दुनिया को अंधेर नगरी क्यों कहा ?
उत्तर :- रमज़ान ने दुनिया को अंधेर नगरी इसलिए कहा है क्योंकि उसकी नज़रों में मात्र अठन्नी की चोरी के लिए रसीला को छह महीने की सज़ा देना उसके साथ अन्याय था | एक तरफ़ बाबू जगतसिंह और शेख सलीमुद्दीन जैसे असली अपराधी अपनी बड़ी-बड़ी कोठियों में बैठकर ग़लत तरीकों से धन कमा रहे थे, वे बड़े और वास्तविक चोर थे पर उन्हें कोई नहीं पकड़ता था | वहीं दूसरी और छोटी - सी ग़लती पर रसीला जैसे गरीब आदमी को छह महीने की इतनी बड़ी सज़ा दे दी गई थी |
प्रश्न 2 :- रसीला के झूठ का पता चलने पर इंजीनियर बाबू जगतसिंह ने उसके साथ कैसा व्यवहार किया ? क्या आपको उनका व्यवहार उचित लगा ? अपने विचार लिखिए |
उत्तर :- रसीला के झूठ का पता चलने पर इंजीनियर बाबू जगतसिंह बहुत क्रोधित हुए | उन्होंने रसीला के मुँह पर एक तमाचा मारा उसके द्वारा ग़लती स्वीकार करने के बाद भी उसकी खूब पिटाई की | वे उसे थाने ले गए, वहाँ सिपाही को पाँच रुपए रिश्वत देकर उसे सच उगलवाने के लिए कहा |
नहीं, मुझे बाबू जगतसिंह का रसीला के प्रति ऐसा व्यवहार अत्यंत अनुचित लगा | रसीला उनके यहाँ कई वर्षों से काम कर रहा था |यह उसकी पहली ग़लती थी, जिसे माफ़ किया जा सकता था | केवल अठन्नी की हेरा - फेरी के लिए छह महीने की सज़ा देना उचित नहीं था |
प्रश्न 3 :- 'बात अठन्नी की' कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिये |
उत्तर :- बात अठन्नी की कहानी का केंद्रबिंदु अठन्नी के कारण उत्पन्न हुई समस्या हे जो शीर्षक के इर्द - गिर्द घूमती है | कहानी में न्याय व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया गया | जहाँ केवल अठन्नी की चोरी के लिए एक निर्धन नौकर रसीला को छह महीने के कारावास का दंड भोगना पड़ता है, वहीं उसे सज़ा दिलवाने वाले लोग रिश्वतखोर होते हुए भी सम्मानित जीवन व्यतीत करते हैं | वे अपने घर के नौकर की मुसीबत या परेशानी में आर्थिक सहायता नहीं कर सकते, लेकिन अठन्नी की चोरी के लिए सज़ा दिलवाना आवश्यक समझते हैं | इस प्रकार यह कहानी न्याय व्यवस्था, ऊँच - नीच तथा अमीरी - गरीबी के भेद को स्पष्ट करती है | इसलिए 'बात अठन्नी की' कहानी का शीर्षक सटीक और सार्थक है |