लोकोक्ति शब्द लोक + उक्ति से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है लोगों द्वारा कही गई उक्तियाँ |
लोकोक्ति की परिभाषा :- जब जीवन के अनुभवों के आधार पर लोग कोई उक्ति या कहावत कहतें हैं, तो उसे लोकोक्ति कहते हैं |
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता अर्थ :- अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता |
अक्ल बड़ी या भैंस अर्थ :- बल के बजाए बुद्धि बड़ी होती है |
अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है अर्थ :- अपने घर में सब रौब जमाते हैं |
अपनी - अपनी डफली अपना - अपना राग अर्थ :- सबका भिन्न भिन्न मत |
अब पछताए होत का जब चिड़ियाँ चुग गई खेत अर्थ :- अवसर निकल जाने पर पछताना व्यर्थ है |
अधजल गगरी छलकत जाय अर्थ : - कम ज्ञान वाला व्यक्ति अधिक दिखावा करता है |
आ बैल मुझे मार अर्थ :- स्वयं संकट मोल लेना |
आसमान से गिरा खजूर में अटका अर्थ :- एक संकट से उबरकर दूसरे में फँसना |
आम के आम गुठलियों के दाम अर्थ :- दोहरा लाभ होना |
आगे कुआँ पीछे खाई अर्थ :- चारों तरफ़ से विपत्ति का होना |
आटे के साथ घुन भी पिसता है अर्थ :- अपराधी के साथ निरपराधी भी हानि उठाता है |
आए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास अर्थ :- किसी महत्त्वपूर्ण काम की बजाय किसी घटिया काम में लग जाना |
अंधों में काना राजा अर्थ :- मूर्खों में अल्प बुद्धि भी बुद्धिमान माना जाता है |
अंधी पीसे कुत्ता खाए अर्थ :- कमाई कोई करे लाभ दूसरा उठाए |
अँधा क्या चाहे दो आँखें अर्थ :- अभिलाषा की पूर्ति होना |
अंधे के आगे रोना अपने दीदे खोना अर्थ :- मुर्ख के सामने अपना दुःख प्रकट करना अपनी ही हानि करना है |
अंधा बाँटे रेवड़ी फिर - फिर अपने को देय अर्थ :- पक्षपातपूर्ण व्यवहार |
आँख के अंधे नाम नयनसुख अर्थ : - गुणों के विपरीत नाम |
ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया अर्थ : - भाग्य की विचित्रता |
ऊँट के मुँह में जीरा अर्थ :- ज़रूरत से कम मिलना |
ऊँची दुकान फीका पकवान अर्थ :- केवल ऊपरी दिखावा करना
उलटा चोर कोतवाल को डाँटे अर्थ :- अपराधी व्यक्ति का निर्दोष पर हावी होना |
एक अनार सौ बीमार अर्थ :- एक वस्तु के अनेक ग्राहक होना |
एक पंथ दो काज अर्थ :- एक काम के साथ दूसरा काम करना |
एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा अर्थ :- एक बुराई के साथ दूसरी बुराई भी आ जाना |
का बरखा जब कृषि सुखाने अर्थ :- काम बिगड़ने पर सहायता करना व्यर्थ है |
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली अर्थ :- दो असमान व्यक्तियों की तुलना |
काठ की हाँडी बार - बार चूल्हे पर नहीं चढ़ती अर्थ :- झूठ एक बार ही चलता है |
कोयले की दलाली में हाथ काले अर्थ :- बुरे काम में बुराई मिलती है |
खरबूज को देखकर खरबूजा रंग बदलता है अर्थ :- बुरी संगति का प्रभाव अवश्य पड़ता है |
खोदा पहाड़ निकली चुहिया अर्थ :- अधिक परिश्रम, पर लाभ कम होना |
गागर में सागर भरना अर्थ :- थोड़े में अधिक |
गंगा गए गंगादास जमना गए जमनादास अर्थ :- अवसर देखकर बदल जाना
घर का भेदी लंका ढाए अर्थ :- आपसी फूट से सर्वनाश होता है |
घर की मुरगी दाल बराबर अर्थ :- अपनों में योग्यता का मूल्य ही न पड़ना |
घाट - घाट का पानी पीना अर्थ :- अनुभवी व्यक्ति
चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए अर्थ :- बहुत कंजूस होना |
चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात अर्थ :- सुख के दिन सदा नहीं रहते |
चिराग तले अँधेरा अर्थ :- अपनी बुराई न दिखाई देना
चोर की दाढ़ी में तिनका अर्थ :- दोषी स्वयं डरता है |
चोरी का माल मोरी में अर्थ :- बुरे काम से कमाया धन बुरे काम में खर्च होता है |
जल में रहकर मगर से बैर अर्थ :- जिसके आश्रय में रहे उसी से दुश्मनी करना |
जो गरजते हैं वो बरसते नहीं अर्थ :- अपनी प्रशंसा करने वाले कम काम करते हैं
जैसा देश वैसा भेस अर्थ :- जिस स्थान पर रहना उसी के अनुरूप ढलना |
जिसकी लाठी उसकी भैंस अर्थ :- बलवान ही सब पर शासन करता है |
जितने मुँह उतनी बातें अर्थ :- प्रत्येक की राय अलग - अलग होना |
जैसे को तैसा अर्थ :- जो जैसा करे उसे वैसा ही फल देना चाहिए |
टेढ़ जानि शंका सब काहू अर्थ :- कुटिल व्यक्ति से सब डरते हैं |
डूबते को तिनके का सहारा अर्थ :- मुसीबत के समय थोड़ी - सी सहायता बहुत होती है |
ढाक के तीन पात अर्थ :- हमेशा एक - सा रहना |
तेते पाँव पसारिए जैती लाँबी सौर अर्थ :- सामथर्य के अनुरूप खर्च करना |
थोथा चना बाजे घना अर्थ :- अयोग्य व्यक्ति आत्मप्रशंसा करता है |
दादा बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया अर्थ :- धन ही सर्वस्व होना |
दूर के ढोल सुहावने अर्थ :- दूर से सभी वस्तुएँ आकर्षक दिखाई देती हैं |
दूध का दूध पानी का पानी अर्थ :- ठीक - ठीक न्याय करना |
दूध का जला छाछ को भी फूँक - फूँक कर पीता है अर्थ :- एक बार नुकसान उठाकर सदा के लिए सतर्क हो जाना |
धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का अर्थ :- कहीं का न रहना |
न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी अर्थ :- दोष का कारण ही नष्ट कर देना |
न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी अर्थ :- न शर्त पूरी होगी न काम बनेगा |
नदी नाव संयोग अर्थ :- क्षणिक मेल |
नाम बड़े और दर्शन छोटे अर्थ :- दिखावा अधिक, वास्तविकता कम
नौ नगद न तेहर उधार अर्थ :- अधिक उधार से थोड़े कम नगद दाम ही अच्छे होते हैं |
नाच न जाने आँगन टेढ़ा अर्थ :- स्वयं अयोग्य होने पर दूसरों में भी कमियाँ खोजना |
पाँचों अंगुलियाँ समान नहीं होती अर्थ :- सभी लोग बराबर नहीं होते |
पाँचों उँगलियाँ घी में अर्थ :- हर तरफ़ से लाभ ही लाभ |
पर उपदेश कुशल बहुतेरे अर्थ :- दूसरों को उपदेश देने पर स्वयं उसपर अमल न करने वालों की संख्या बहुत होती है |
रस्सी जल गई मगर अकड़ नहीं गई अर्थ :- सब कुछ समाप्त होने पर भी अकड़ बरकरार रहना |
बिन माँगे मोती मिले माँगे मिले न भीख अर्थ :- माँगने से कुछ न मिलना |
भागते भूत की लँगोटी भली अर्थ :- जो मिल जाए वही काफ़ी है |
मन चंगा तो कठौती में गंगा अर्थ :- मन पवित्र हो तो दिखावे की आवश्यकता नहीं होती |
मान न मान मैं तेरा मेहमान अर्थ :- ज़बरदस्ती गले पड़ना |
मुँह में राम बगल में छुरी अर्थ :- ऊपर से मित्रता पर अंदर छल - कपट |
लातों के भूत बातों से नहीं मानते अर्थ :- दुष्ट व्यक्ति बात से नहीं, दंड से मानते हैं |
साँच को आँच नहीं अर्थ :- सच्चे मनुष्य को डर नहीं |
साँप मरे लाठी न टूटे अर्थ :- बिना हानि हुए काम बन जाना |
सावन हरे न भादों सूखे अर्थ :- हमेशा एक - सा रहना |
सौ सुनार की एक लुहार की अर्थ :- बलवान की एक चोट निर्बलों की सौ के बराबर होती है |
सेवा करे सो मेवा पावै अर्थ :- सेवा का फल मीठा होना |
हथेली पर सरसों जमाना अर्थ :- असंभव कार्य करना |
होनहार बिरवान के होत चीकने पात अर्थ :- योग्य की योग्यता बचपन में ही दिखाई दी जाती है |
हाथ कंगन को आरसी क्या अर्थ :- प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती |
हाथी निकल गया, दुम रह गई अर्थ :- मात्र थोड़ा- सा कार्य ही शेष रहना |
हींग लगे न फिटकारी रंग चोखा अर्थ :- बिना खर्च के श्रेष्ठ कार्य होना |
हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और अर्थ :- कथनी - करनी में अंतर होना |