तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा :- कुछ शब्द ऐसे होते हैं, जो होते तो संस्कृत के हैं, परंतु हिंदी में भी बिना परिवर्तित हुए प्रयुक्त होते हैं | उन शब्दों को तत्सम शब्द कहा जाता है और यदि उन शब्दों में थोड़ा -सा परिवर्तन करके हिंदी में प्रयुक्त करें, तो उन शब्दों को तद्भव शब्द कहा जाता है | कुछ ऐसे ही तद्भव शब्द और उनके मूल रूप अर्थात तत्सम शब्द हैं -
तद्भव | तत्सम |
अचरज | आश्चर्य |
अमी | अमृत |
आठ | अष्ट |
आम | आम्र |
आग | अग्नि |
ओठ | ओष्ठ |
अंधा | अंध |
आँसू | अश्रु |
ईख | इक्षु |
ऊँगली | अँगुलि |
उल्लू | उलूक |
ऊँट | उष्ट्र |
कछुवा | कच्छप |
काज | कार्य |
कान | कर्ण |
काम | कर्म |
किवाड़ | कपाट |
कुम्हार | कुंभकार |
कुआँ | कूप |
किशन | कृष्ण |
कोयल | कोकिला |
गधा | गर्दभ |
गेहूँ | गोधूम |
घी | घृत |
घर | गृह |
घड़ा | घट |
घोड़ा | घोटक |
जेठ | ज्येष्ठ |
जीभ | जिह्वा |
थन | स्तन |
दही | दधि |
दूध | दुग्ध |
धुआँ | धूम्र |
नाक | नासिका |
नाच | नृत्य |
नींद | निद्रा |
नेह | स्नेह |
नैन | नयन |
पाहन | पाषाण |
पत्थर | प्रस्तर |
पंख | पक्ष |
पोता | पौत्र |
पिता | पितृ |
पूत | पुत्र |
पाँव | पाद |
बहू | वधू |
बूँद | बिंदु |
बंदर | वानर |
भगत | भक्त |
भाप | वाष्प |
भँवरा | भ्रमर |
भीख | भिक्षा |
मुँह | मुख |
माथा | मस्तक |
मीठा | मिष्ठ |
मिट्टी | मृत्तिका |
मीत | मित्र |
मोर | मयूर |
मुट्ठी | मुष्टि |
मक्खी | मक्षिका |
मोती | मौक्तिक |
लाज | लज्जा |
लाख | लक्ष |
शक्कर | शर्करा |
शाम | सायं |
सच | सत्य |
साग | शाक |
सात | सप्त |
सीस | शीर्ष |
सिंगार | शृंगार |
सूत | सूत्र |
सुहाग | सौभाग्य |
सूरज | सूर्य |
सेठ | श्रेष्ठी |
सीख | शिक्षा |
सोना | स्वर्ण |
सौ | शत |
साँस | श्वास |
साँवला | श्यामल |
हाथ | हस्त |
हाथी | हस्ति |
हड्डी | अस्थि |