असफलता ही सफलता का आधार है


पुरुषार्थ के बल पर मनुष्य कठिन परिस्थितियों का भी सामना कर सकता है | अपनी बौद्धिक क्षमता व मानसिक शक्ति के बल पर सफलताएँ प्राप्त कर मानव ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है | उसमें संघर्ष करने कि अद्भुत क्षमता है | समयानुसार मनुष्य को कभी अच्छी परिस्थिति मिलती है, तो कभी विपरीत | उसे आशावादी दृष्टिकोण से संघर्ष करना चाहिए, क्योंकि असफलता ही सफलता का आधार है | 

संघर्ष करते समय जब भी असफलता हाथ लगती है, मनुष्य के मन में निराशा के भाव उत्पन्न हो जाते हैं | परिस्थितियों की जटिलता के आगे वह बेबस हो जाता है, स्वयं को भाग्य के भरोसे छोड़ देता है | यदि महात्मा गाँधी जैसे महापुरुष निराश होकर बैठ जाते, तो आज भारत स्वतंत्र नहीं होता | हर रात्रि के बाद सूर्योदय अवश्य होता है | अपने ध्येय तक पहुँचने के लिए आशावादी बनकर सतत प्रयत्न करने वाले को सफलता अवश्य मिलती है | आशावादी व्यक्ति के जीवन में आने वाली प्रतिकूल परिस्थितियाँ भी वरदान बन जाती है | वह धैर्य का संबल पाकर पर्वत के समान भारी दुखों का सहज रूप से उठा लेता है | महाराणा प्रताप का धैर्य इस तथ्य का प्रमाण है |

जीवन में सफलता - असफलता, हानि- लाभ, जय- पराजय, आशा- निराशा तो धूप - छाँव की तरह आती - जाती रहती हैं | यदि एक बार असफल हो गए तो इसमें थककर बैठने से काम थोड़े ही चलेगा | सदियों का इतिहास यह सिद्ध करता है कि जब भी मनुष्य असफलता से निराश होकर बैठ गया, उसकी प्रगति एवं विकास कि गति अवरुद्ध हो जाती है और यह उसकी क्षमता, योग्यता और आत्मविश्वास का अपमान है |

जो लोग समस्या का समाधान ढूँढ़ने में समर्थ होते हैं, वे कभी असफल नहीं होते | अतः मनुष्य को असफलता से घबराकर धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए | असफलता से घबराना कायरता का प्रतीक है उसका सामना करना चाहिए |
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