आत्मनिर्भर कैसे बने


आत्मनिर्भर कैसे बने
 
आत्मनिर्भर का मतलब होता है कि अपने आप पर निर्भर होना और दूसरों पर आश्रित न होना । आत्मनिर्भर अपने आप में ही एक वरदान होता है | आत्मनिर्भर व्यक्ति कभी-भी, अपनी ज़िन्दगी में पिछड़ता नहीं है | मैंने आत्मनिर्भर बनने का सफर शुरू किया जब मैं इस साल अपने नानी के घर अकेले गया था और तब लॉकडाउन शुरू हो गया था। इस कारण मैं वही रह गया था और मैं, जो भी काम अपने माता-पिता से कराता था, वह मैंने स्वयं करना सीखा था | मैंने अपने समय का सदुपयोग करने हेतु, भारत का सविंधान पढ़ा था, संस्कृत सीखा था जो की माना जाता है की वह जननी है सारी भाषाओ की, खुद की कहानियां लिखना शुरू की अंग्रेजी में और रामायण देखी जिससे मुझे हमारे देश की गौरवशाली और महान संस्कृति  का ज्ञात हुआ। जहाँ तक राशन का सवाल है, मुझे और मेरे परिवार को इस महामारी के समय में कभी-भी कोई भी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा था और इसका पूरा श्रय मैं हमारे प्रशासन की व्यवस्था को देना चाहूंगा जो की प्रशंसनीय है ।

कहते है की हर मुसीबत हमारे लिए वरदान लेकर आती है और इस महामारी ने हमें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी है। इस महामारी के दौरान चिकत्सा क्षेत्र, आईटी क्षेत्र और ऐसे कई क्षेत्र है जो कि आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे है। इस दौर में हमारे देश की आयत कम हो रहा  है और निर्यात बढ़ रहा  है। मेरा मत है कि एक आत्मनिर्भर देश वह होता है जिसमें उस देश के मज़दूर  तथा किसान आत्मनिर्भर होते हैं। हमें हमारे आस-पास के गरीब लोगों को काम देना चाहिए। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी ने कहाँ हैं कि "सामान मेड इन इंडिया हो और मेड फॉर वर्ल्ड हो"। 

आत्मनिर्भर व्यक्ति हमेशा जीवन में सफल होता है जिस प्रकार उत्तराखंड के गुड़गांव .के प्रवासियों ने अपने परिश्रम से पहाड़ी पढ़ती धरती को प्राकृतिक जल स्त्रोत से खींच कर उपजाऊ बनाने में सफलता प्राप्त कर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल पेश की | आत्मनिर्भरता एक अलौकिक गुण है आत्म निर्भर व्यक्ति असंभव कार्य को भी संभव कर श्रेष्ठता का परिचय देता है | सफलता उसके कदम चूमती है |

अपना काम स्वयं करने से हम आत्मनिर्भर बनते हैं व्यक्ति की दृढ़ इच्छाशक्ति और कठिन परिश्रम उसे आत्म निर्भर बनाती है
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