ऊँ एक अलौकिक ध्वनि


ऊँ एक अलौकिक ध्वनि

मैं अपने ब्लाग की शुरुआत एक ऐसे संस्कार के साथ करना चाहती हूँ जो बच्चे को पुरी जिन्दगी स्वस्थ और प्रसन्न रखे,  मैं अपने अनुभव आप लौगों के साथ साँझा करना चाहती हूँ । विद्यार्थी कुछ सीखने से पूर्व ऊँ शब्द का उच्चारण करना अवश्य सीखे। 

ऊँ एक अलौकिक ध्वनि है, ऊँ शब्द की ध्वनि स्वतः स्फुटित है । ऊँ का उच्चारण करने से सारे शरीर में शक्ति का संचारण होता है, रोम रोम खिल उठता है, एक अलौकिक आनन्द की अनुभूति होती है । मन मस्तिष्क में एक नई उर्जा का अनुभव महसुस होता है । २वर्ष की आयु होने पर बच्चे को प्रातःकाल उठने पर सूर्य का दर्शन कराये, उसके पश्चात आसन पर दौनो हाथों को जोड़कर बैठ जाय , एवं १५मिनट तक ऊँ शब्द का उच्चारण करे नियमित रुप से करना आवश्यक है , ऐसा करने से आप बच्चे में एक संस्कार आरोपित करेगी तथा बालक भी अपने आपको स्वस्थ तथा प्रसन्न अनुभव करेगा । 

ऊँ शब्द में एक बहुत बड़ी शक्ति है , तथा एक शक्ति आपके अन्दर मौजुद है और एक शक्ति ब्रह्माण्ड में विद्यमान है , जब ये तीनों शक्तियाँ आपस में टकराती है ,तो एक नई शक्ति पैदा करती है । इसके लिये आपको एसी स्थिति पैदा करनी पड़ती है, सूर्योदय से पूर्व प्रातःकाल २०से२५मिनट तक ‘’ऊँ’’ इस शब्द का उच्चारण करे , इससे आपके अन्दर विद्यमान शक्ति (जिसका आपको अहसास नही है) ध्वनि के साथ साथ बाहर निकलने लगती है , तथा ब्रह्माण्ड में मौजुद शक्ति के साथ टकराती है , और इस प्रकार एक नई उर्जा आपके शरीर में पैदा करती है । ऐसा करने से आपका शरीर धीरे धीरे हवा में उड़ता हुवा महसुस हौता है और एक अलौकिक आनन्द की अनुभुति हौती है।

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