संस्कृत वचन ( Singular, Dual, Plural)


संस्कृत में तीन वचन होते है - एकवचन , द्विवचन , बहुवचन

एकवचन का प्रयोग 

जैसे – बालक दौड़ता है ।

बालक क्या है ? बालक कर्ता है , कर्ता अर्थात् काम को करने वाला । क्योंकि वह दौड़ने का काम कर रहा है । बालक अकेला है , इसलिये वह एकवचन है ।
दौड़ना क्या है ? दौड़ना एक क्रिया है , और यह वर्तमान काल की क्रिया है , क्योंकि वह अभी इस समय दौड़ रहा है ।
अतः कर्ता यदि एकवचन है तो क्रिया में भी एकवचन ही होगा ।
बालक दौड़ता है संस्कृत में अनुवाद होगा - बालकः धावति ।

इसी प्रकार –

सिंह गरजता है - सिंहः गर्जति ।
सैनिक जाता है - सैनिकः गच्छति ।
मृग चरता है - मृगः चरति ।
अश्व दौड़ता है - अश्वः धावति ।
कोयल कुजती है - कौकिलः कुजति ।
बालक गिरता है - बालक ; पतति ।
राम आता है - रामः आगच्छति ।

द्विवचन का प्रयोग

अभी हमने एकवचन का प्रयोग सीखा , अब हम द्विवचन का प्रयोग सीखेगें ।
द्विवचन का मतलब है- एक साथ दो जैसे- हम दोनों , दो बालक, दो हाथी , दो घोड़े 
जैसे – दो बालक पड़ते है । यहाँ पर दो बालक क्या है ? 
दो बालक कर्ता है – क्योंकि ये पड़ने का काम कर रहे है । जो किसी काम को करता है , वह कर्ता कहलाता है । और यह द्विवचन है । 
पड़ना – एक क्रिया है । अतः कर्ता यदि द्विवचन है तो क्रिया में भी द्विवचन ही होगा ।
दो बालक पड़ते है - संस्कृत में अनुवाद होगा - बालकौ पठतः ।

दो घोड़े दौड़ते है - अश्वौ धावत ; ।
दो मृग चरते है - मृगौ चरतः ।
दो कौए बोलते है - काकौ वदतः ।
दो शिष्य पढ़ते है - शिष्यौ पठतः ।
दो सिंह गरजते है - सिंहौ गर्जतः ।
दो तोते उड़ते है - शुकौ उत्पततः ।
दो बालक नमस्कार करते है – बालकौ नमतः।
दो हाथी दौड़ते है - गजौ धावतः ।
दो कोयल चहचहाती है - कोकिलौ कूजतः ।

इस प्रकार हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करने के लिये यदि कर्ता में द्विवचन है तो क्रिया में भी द्विवचन का प्रयोग ही करना होगा । 
आवाम् - हम दोनों 
युवाम् - तुम दोनों 
तौ - वे दोनों ।

बहुवचन का प्रयोग

अभी हमने एकवचन और द्विवचन का प्रयोग सीखा । अब हम बहुवचन का प्रयोग सीखेगें ।
बहुवचन का अर्थ है - बहुत सारे , एक या दो से ज्यादा । तीन या इससे अधिक जितने भी हो ।
बालकः - एक बालक , बालकौ - दो बालक , बालका - बहुत सारे बालक ।

बच्चे नमस्कार करते है - बालकाः - नमन्ति ।
बालकाः - क्या है? ये कर्ता है , बहुवचन है , क्योंकि दो से ज्यादा बालक है ,अतः बहुवचन
नमन - एक क्रिया है , चुँकि कर्ता में बहुवचन है , इसलिये क्रिया में भी बहुवचन का प्रयोग किया ।

अश्वाः धावन्ति - घोड़े दौड़ते है ।
खगाः उत्पतन्ति - पक्षी उड़ते है ।
जनाः हँसन्ति - मनुष्य हँसते है
शिष्याः लिखन्ति- शिष्य लिखते है ।
सिंहाः गर्जन्ति - सिंह गरजते है ।
मृगाः चरन्ति - मृग चरते है ।
शुकाः वदन्ति - तौते बोलते है ।
बालकाः पठन्ति - बालक पढ़ते है ।

इस प्रकार बहुवचन का प्रयोग कर्ता और क्रिया में एक साथ किया ।हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करने के लिये तीनों वचनों का प्रयोग समझना जरुरी है ।

यहाँ पर कुछ शब्दों के अर्थ याद कीजिये-

सिंह शेर
काकः कौआ
गर्ज गरजना
गच्छ् जाना
पत् गिरना 
शुकः तौता
आगच्छ् आना
नम् नमस्कार करना
वद् बोलना
धाव दौड़ना

 

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