लकार का प्रयोग जब किसी को उपदेश देना हो तो लोट् लकार का प्रयोग होता है।
लोट् लकार के प्रत्यय (चिन्ह) तथा रुप इस प्रकार है - पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | तु | ताम् | अन्तु |
मध्यम पुरुष | नन् | तम् | त |
उत्तम पुरुष | आनि | आव | आम |
पठ् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | पठतु | पठताम् | पठन्तु |
मध्यम पुरुष | पठ | पठतम् | पठत |
उत्तम पुरुष | पठानि | पठाव | पठाम |
गच्छ् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | गच्छतु | गच्छताम् | गच्छन्तु |
मध्यम पुरुष | गच्छ | गच्छतम् | गच्छत |
उत्तम पुरुष | गच्छानि | गच्छाव | गच्छाम |
भविष्यत् काल को दर्शाने के लिए धातु में लृट् लकार का प्रयोग किया जाता है ।
जैसे – पठ् से पठिष्यति, गम् से गमिष्यति
लृट् लकार के प्रत्यय पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | इष्यति | इष्यतः | इष्यन्ति |
मध्यम पुरुष | इष्यसि | इष्यथः | इष्यथ |
उत्तम पुरुष | इष्यामि | इष्यावः | इष्यामः |
पठ् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | पठिष्यति | पठिष्यतः | पठिष्यन्ति |
मध्यम पुरुष | पठिष्यसि | पठिष्यथः | पठिष्यथ |
उत्तम पुरुष | पठिष्यामि | पठिष्यावः | पठिष्यामः |
गम् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | गमिष्यति | गमिष्यतः | गमिष्यन्ति |
मध्यम पुरुष | गमिष्यसि | गमिष्यथः | गमिष्यथ |
उत्तम पुरुष | गमिष्यामि | गमिष्यावः | गमिष्यामः |
संस्कृत वाक्यों में प्रयोग – अस्मान् सर्वान् रक्ष।
गच्छ ममाय च जलं आनय।
यदि अहम् तत्र गच्छानि , तदा त्वं कुत्र गच्छसि।
रामः त्वं मा धाव।
सरले त्वं प्रातः कुत्र गमिष्यसि ?
किं त्वं उपवनं एका एव गमिष्यसि ?
मया सह कान्ता अपि गमिष्यति ।
त्वं किं पठिष्यसि ?
अहम् व्याकरणं पठिष्यामि